Dharohar Kahaniyaan
Dharohar Kahaniyaan : Suryakant Tripathi ‘Nirala’
- Author Name:
Suryakant Tripathi 'Nirala'
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Book Type:

- Description: निराला के कथा-साहित्य में दो परस्पर विरोधी प्रवृत्तियाँ देखी जाती हैं। एक प्रवृत्ति काल्पनिक इच्छापूर्ति के सपने रचने की है, दूसरी वास्तविक जीवन-संघर्ष को चित्रित करने की। ‘देवी’ और ‘चतुरी चमार’ में कहानी का पुराना ढाँचा टूट गया है। कथानक लेकर चलने वाली, समस्या के समाधान, नायक-नायिका के विवाह से समाप्त होनेवाली कहानियाँ ये नहीं हैं। इनमें परिवेश, पात्र ज्यों के त्यों उठाकर कहानी में रख दिये गए हैं। उनकी कहानियाँ कथा-रचना में यथार्थवादी साहित्य के विकास में नया चरण हैं। —रामविलास शर्मा
Dharohar Kahaniyaan : Suryakant Tripathi ‘Nirala’
Suryakant Tripathi 'Nirala'
Dharohar Kahaniyaan : Acharya Chatursen Shastri
- Author Name:
Acharya Chatursen
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Book Type:

- Description: चतुरसेन शास्त्री ने अपनी कहानियों का निर्माण कल्पना और इतिहास के इतने रोमानी धरातल से किया है कि ये कहानियाँ सदा अमर रहेंगी। इन कहानियों के कथानक निर्माण में क्रमबद्ध स्वाभाविक घटनाओं के घटने का प्रमुख हाथ है। इस संयोग से कथानक में नाटकीय विकास होता है। उनकी कथा-सृष्टि सौन्दर्य, प्रेम और बलिदान की रेखाओं से हुई है। उनकी सामाजिक कहानियों में भी इसी तरह कल्पना, नाटकीय स्थितियों, संयोग और आदर्श आदि तत्त्वों का आपस में अद्भुत तादात्म्य उपस्थित हुआ है। —लक्ष्मीनारायण लाल
Dharohar Kahaniyaan : Acharya Chatursen Shastri
Acharya Chatursen
Dharohar Kahaniyaan : Rangeya Raghav
- Author Name:
Rangeya Raghav
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Book Type:

- Description: रांगेय राघव ने हिन्दी कहानी का हाथ पकड़कर उसे भारतीय समाज के उन धूल-काँटों भरे रास्तों, घुटती-सड़ती स्वप्निल चिथड़ों से ढँकी शहरी-कस्बाई बस्तियों, आवारे-लफंडरों-परजीवियों की फक्कड़ जिन्दगी, भारतीय गाँवों की कच्ची, कीचड़भरी पगडंडियों की गश्त करवाई जिससे वह भले ही अब तक पूर्ण अपरिचित न रही हो पर इस तरह हिली-मिली भी नहीं थी। इससे भी बड़ी बात यह कि उन्होंने इन्हीं दुनियाओं में से जिन्दगी से धड़कते हुए ऐसे-ऐसे कद्दावर चरित्र प्रकट किये जिन्हें हम विस्मृत नहीं कर सकेंगे। —अशोक शास्त्री
Dharohar Kahaniyaan : Rangeya Raghav
Rangeya Raghav
Dharohar Kahaniyaan : Vishwambharnath Sharma ‘Kaushik’
- Author Name:
Vishwambharnath Sharma 'Kaushik'
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Book Type:

- Description: एक मध्यवर्गीय संयुक्त परिवार के परम्परागत मूल्यों और नैसर्गिक वात्सल्य के द्वन्द्व की मनोवैज्ञानिक कहानी ‘ताई’ हो, क्षय-रोग से ग्रस्त, पत्नी के प्रति पति की उदासीनता और प्रेम की सच्ची संवेदना के द्वन्द्व की कहानी ‘वह प्रतिमा’ हो या एक ग्रामीण पात्र के नीम के वृक्ष के प्रति प्रेम की अद्भुत कहानी ‘अशिक्षित का हृदय’ हो; मध्यवर्गीय पारिवारिक परिवेश में मानवीय संवेदना का मनोवैज्ञानिक अंकन विश्वम्भरनाथ शर्मा ‘कौशिक’ को एक लोकप्रिय और उल्लेखनीय कहानीकार के रूप में प्रतिष्ठित करता है। —गोपाल राय
Dharohar Kahaniyaan : Vishwambharnath Sharma ‘Kaushik’
Vishwambharnath Sharma 'Kaushik'
Dharohar Kahaniyaan : Chandradhar Sharma ‘Guleri’
- Author Name:
Chandradhar Sharma 'Guleri'
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Book Type:

- Description: संस्कृत कविता में एक शब्द चलता है—भाव सबलता। दो भावों में विरोधी चीजों का मिश्रण। संस्कृत काव्यशास्त्र के आचार्य गुलेरी जी हास्य और करुणा का मेल करते हैं, क्योंकि इस मेल का मुख्य उद्देश्य है करुण रस उत्पन्न करना और करुण रस को थीम में बनाने के ठीक उसके उलटा हास्य को मिलाया जाएगा तो करुणा और भी गहरी और तीव्र होगी। हिन्दी कहानी की दुनिया में किस ऊँचे शिखर से हमने शुरू किया है, ‘उसने कहा था’ उसका सबसे शानदार नमूना है। —नामवर सिंह
Dharohar Kahaniyaan : Chandradhar Sharma ‘Guleri’
Chandradhar Sharma 'Guleri'
Dharohar Kahaniyaan : Jaishankar Prasad
- Author Name:
Jaishankar Prasad
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Book Type:

- Description: प्रसाद नाटकीय विडम्बनाओं की उस परम्परा के कथाकार हैं जो शेक्सपियर के नाटकों और तुर्गनेव के उपन्यासों में दिखाई पड़ती है। प्रसाद ऐसी ही क्रूर, निर्मम विडम्बनाओं के रचनाकार हैं। उनकी कहानियों में ऐसे नाटकीय तत्त्व संयोगवश नहीं हैं, वे समावेशी तत्त्व हैं। निरपराध और अपराधी, सत्य और असत्य, जीवन और मृत्यु के बीच प्रायः नाटकीय ढंग से ही पार्थक्य स्थापित कर लिया जाता है और असत्य सत्य का वाहक बन जाता है, ‘अपराधी’ उन अपराधों के लिए दंड पाता है जो उसने किये ही नहीं होते। —विजयमोहन सिंह
Dharohar Kahaniyaan : Jaishankar Prasad
Jaishankar Prasad
Dharohar Kahaniyaan : Subhadra Kumari Chauhan
- Author Name:
Subhadra Kumari Chauhan
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Book Type:

- Description: अपनी समस्या पूरे देश की समस्या के साथ बँधी हुई है। सबकी मुक्ति में ही अपनी मुक्ति है। अन्धी परम्पराओं के बन्धन, चारों ओर सड़े-गले रस्म रिवाजों के गलीज घेरे, जिनमें क्रूर पाखंड की उँगलियाँ उठती हैं। एक दमन और घुटनवाला समाज, जो खुली तन्दुरुस्त जिन्दगी की साँस लेना जानता ही नहीं। सुभद्रा कुमारी चौहान की स्वस्थ और स्वतंत्र भावुकता ने यथार्थ के बहुत से मर्म पहचान लिये थे। हर चुनौती का जवाब उनके पास था। और यह जवाब था उनके अन्तःकरण और सच्चाई की हठ का। —शमशेर बहादुर सिंह
Dharohar Kahaniyaan : Subhadra Kumari Chauhan
Subhadra Kumari Chauhan
Dharohar Kahaniyaan : Rahul Sankrityayan
- Author Name:
Rahul Sankrityayan
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Book Type:

- Description: कौन ऐसा पाठक है जिसने एक बार प्रेमचन्द की कहानियों को पढ़ा हो और उन्हें भूल पाया हो! यह इसलिए कि हम उनकी रचनाओं को उनके देदीप्यमान, प्रखर व्यक्तित्व की लौ में देखने, ग्रहण करने लगते हैं। जहाँ उनकी रचनाएँ हमारे सामने जीवन का प्रामाणिक, जीवन्त चित्र प्रस्तुत करती हैं, सामाजिक जीवन के विभिन्न पहलुओं के प्रति हमें सचेत करती हैं, वहीं वे हमारे दिल में सद्भाव जगाती हैं, हमारे मस्तिष्क को झकझोरती हैं, हमें जिन्दगी को देखने समझने का नजरिया देती हैं। —भीष्म साहनी
Dharohar Kahaniyaan : Rahul Sankrityayan
Rahul Sankrityayan
Dharohar Kahaniyaan : Premchand
- Author Name:
Premchand
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Book Type:

- Description: कौन ऐसा पाठक है जिसने एक बार प्रेमचन्द की कहानियों को पढ़ा हो और उन्हें भूल पाया हो! यह इसलिए कि हम उनकी रचनाओं को उनके देदीप्यमान, प्रखर व्यक्तित्व की लौ में देखने, ग्रहण करने लगते हैं। जहाँ उनकी रचनाएँ हमारे सामने जीवन का प्रामाणिक, जीवन्त चित्र प्रस्तुत करती हैं, सामाजिक जीवन के विभिन्न पहलुओं के प्रति हमें सचेत करती हैं, वहीं वे हमारे दिल में सद्भाव जगाती हैं, हमारे मस्तिष्क को झकझोरती हैं, हमें जिन्दगी को देखने समझने का नजरिया देती हैं। —भीष्म साहनी
Dharohar Kahaniyaan : Premchand
Premchand
Dharohar Kahaniyaan : Bhuvaneshwar
- Author Name:
Bhuvneshwar
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Book Type:

- Description: कहानी के वस्तु-तत्त्व को इस तरह से झीना और प्रगाढ़ करके उसे पारम्परिक कथालेखन से अलगाने का काम उस तरह से किसी ने नहीं किया जैसे कि भुवनेश्वर ने अपनी पाँच-सात कहानियों में कर दिखाया। उनकी संक्षिप्ति और सांकेतिकता हिन्दी कहानीकारों के लिए एक मिसाल है। भुवनेश्वर को मानवीय चरित्रों की अद्भुत पहचान है, और फिर उन्हें रचते वक्त वे हल्के-हल्के ब्रश-स्ट्रोक्स से जिस तरह से कहानी के वातावरण का सृजन करते हैं, उसमें तो उन्हें कमाल हासिल है। —दूधनाथ सिंह